संस्कृतियों को जोड़ती मेरी "सड़क गंगा"
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3 टिप्पणियाँ:
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ये परिदृश्य हर जगह देखने को मिल जाता है। क्या करें, पापी पेट का होता है सवाल, मचा देता है जिंदगी मे बवाल। रोजमर्रे के दौड़ भाग में, रखता नही होश अपने आप मे,हो जाता है बकरे की भांति हलाल। पर तारिफ़े काबिल है, आपका प्रस्तुतिकरण, रख इन बातों का खयाल……। नाइस!
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बहुत दुखद होते है ये सड़क हादसे इनकी विभीषिका वही समझ सकते है जो इनसे प्रभावित होते है|
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कोई काम नहीं है मुस्किल,जब किया ईरादा पक्का।
मै हूँ आदमी सड़क का,-----मै हूँ आदमी सड़क का
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राष्ट्रीय राजमार्ग 43 अब 30 हुआ
अब राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 पांच राज्यों को जोड़ती है। उत्तराखंड राज्य के सितारंगज के निकट सारा-9 के साथ अपने जंक्शन से प्रारंभ होकर उत्तर प्रदेश में पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ, रायबरेली और इलाहबाद के बाद मध्यप्रदेश में मंगवान, रीवा, कटनी, जबलपुर, मंडला होकर छत्तीसगढ़ में चिपली, सिमगा, रायपुर, धमतरी, कांकेर, केशकाल,जगदलपुर कोंटा से आंध्रप्रदेश के नेल्लीपाक, भद्राचलम, पालोंचा, कोट्टागुडम, तिरावुरु, मेलावरम को जोड़ते हुए कोंडापल्ली के निकट सारा-65 के साथ अपने जंक्शन पर समाप्त होती है।
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- ब्लॉ.ललित शर्मा
- परिचय क्या दूँ मैं तो अपना, नेह भरी जल की बदरी हूँ। किसी पथिक की प्यास बुझाने, कुँए पर बंधी हुई गगरी हूँ। मीत बनाने जग मे आया, मानवता का सजग प्रहरी हूँ। हर द्वार खुला जिसके घर का, सबका स्वागत करती नगरी हूँ।
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