बतर कीरी |
खेत में डाला गया खाद |
अकरस जोताई |
सड़क गंगा |
संस्कृतियों को जोड़ती मेरी "सड़क गंगा"
बतर कीरी |
खेत में डाला गया खाद |
अकरस जोताई |
सड़क गंगा |
पंख वाली दीमक के बारे में पहली बार पता चला...
उम्मीद है कि आपके इस ब्लॉग के जरिये और भी रोचक बातें जानने को मिलेंगी
शहर में तो हमें खेती के ये क्रिया-कलाप देखने को नहीं मिलते हैं, हाँ बचपन में, जब रायपुर एक बस्ती जैसे था और बस्ती की सीमा समाप्त होते ही खेत होते थे, अवश्य ही यह सब देखा था।
बहुत अच्छा लगा पढ़कर!
अकरस जोताई के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद ....आशा है अब हम भी नित्य प्रति आपके साथ गंगा का भ्रमण करते रहेंगे ...!
बढ़िया जानकारी, भईया.... बधाई...
“इस सड़क गंगा के सफर में, हम भी हैं हमराह तेरे....”
दीमक राजस्थान की एक बड़ी समस्या है ...खेती की जमीन पर शहरी क्षेत्र बस जाने के कारण घरों में भी बहुत नुकसान पहुंचाती है ...
सड़क- गंगा की यात्रा जल गंगा से कम रोचक नहीं लगी !
वाह वाह! कैसा बढ़िया चित्रण! आगे असाढ़ गिरगे पानी… भींग गे ओरिया भींग गे छान्ही…अररर अर धर के तता धर ले नांगर धर तुतारी…………कईसे संगवारी??????
पंख वाली दीमक निकलने के बाद लाखों मे से सैकड़े की संख्या मे बच पाती हीं बाकी मर जाती हैं या फिर परभक्षियों का शिकार हो जाती हैं जो बच जाती हैं वो बनाती है नयी बस्ती नयी दुनिया .........
कोई काम नहीं है मुस्किल,जब किया ईरादा पक्का।
मै हूँ आदमी सड़क का,-----मै हूँ आदमी सड़क का
चलते चलिए, हम भी साथ हैं.